Rama Rama raṭṭe ratte biti re umariya 🙏
Raghukul nandan kab aoge bhilni ki dagariya
Rama Rama raṭṭe ratte biti re umariya 🌺
Main Shabri bhilni ki Jaai, bhajan bhav na janu re 🛐
Ram tere darshan ke hit van mein jivan palu re
Charankamal se nirmal kar do dasi ki jhopriya 😟
Rama Rama raṭṭe ratte biti re umariya 💗
Roj savere van mein jakar phal chun chun ke laungi 🙏
Apne Prabhu ke sanmukh rakh ke prem se bhog lagaungi
Mithe mithe beran ki main bhar lai jhabariya 🌺
Rama Rama raṭṭe ratte biti re umariya
Shyam saloni mohini surat naiyan bich basaungi 🛐
Pad pankaj ki raj dhara mastak charano me shis navaungi
Ab kya Prabhu ji bhul gaye ho dasi ki dagariya 😟
Rama Rama raṭṭe ratte biti re umariya 💗
Nath tere darshan ki hit main abla ik nari hun 🙏
Darshan bin do naina tarasen sunlo bahut dukhari hun
Hira rup se darshan dedo dalo ek najariya 🌺
Rama Rama raṭṭe ratte biti re umariya 🛐
Rama Rama Ratte Ratte Lyrics in Hindi
रामा रामा रटते रटते 🙏
बीती रे उमरिया ।
रघुकुल नंदन कब आओगे 🌺
भिलनी की डगरिया ॥
॥ रामा रामा रटते रटते..॥
मैं शबरी भिलनी की जाई 🛐
भजन भाव ना जानु रे ।
राम तेरे दर्शन के हित 😟
वन में जीवन पालूं रे ।
चरणकमल से निर्मल करदो 💗
दासी की झोपड़िया ॥
॥ रामा रामा रटते रटते..॥
रोज सवेरे वन में जाकर 🙏
फल चुन चुन कर लाऊंगी ।
अपने प्रभु के सन्मुख रख के 🌺
प्रेम से भोग लगाऊँगी ।
मीठे मीठे बेरों की मैं 🛐
भर लाई छबरिया ॥
॥ रामा रामा रटते रटते..॥
श्याम सलोनी मोहिनी सूरत 😟
नैयन बीच बसाऊंगी।
पद पंकज की रज धर मस्तक 💗
चरणों मे शिस नवाऊँगी॥
अब क्या प्रभु जी भूल गए हो
दासी की डगरिया॥
॥ रामा रामा रटते रटते..॥
नाथ तुम्हारे दर्शन के हित 🙏
मैं अबला इक नारी हूँ।
दर्शन बिन दोऊ नैना तरसें 🌺
सुनलो बहुत दुखारी हूँ॥
हीरा रूप से दर्शन देदो 🛐
डालो एक नजरिया 😟
॥ रामा रामा रटते रटते..॥
निसकर्ष
Rama Rama Ratte Ratte Lyrics एक भक्ति गीत है जो भगवान राम को समर्पित है। इस गीत के माध्यम से भक्त और संत जन अपने भगवान राम की प्रेम भावना और सेवा के प्रति अपनी श्रद्धा को व्यक्त करतें है। इस गाने में शबरी जैसी चरित्र के माध्यम से भक्ति और समर्पण दर्शाया गया है।
“रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया” – इस पक्तिं के माध्यम से भक्त अपनी जीवन यात्रा के समय के बारे में बात रहा है और वह भगवान राम के प्रति अपने भक्ति और श्रद्धा को अभीव्यक्त कर रहा है।
“रघुकुल नंदन कब आओगे, भिलनी की डगरिया” – इस पक्तिं में भक्त भगवान राम के दर्शन की प्रतीक्षा कर रहा है और उससे मिलने की आशा है।
“मैं शबरी भिलनी की जाई, भजन भाव ना जानु रे” – इस भाग में, भक्त अपने आत्मिक समर्पण और भगवान के प्रति भक्ति की बात कर रहा है।
“चरणकमल से निर्मल कर दो, दासी की झोपड़िया” – इस भाग में, भक्त अपने आत्मिक शुद्धि और समर्पण की प्रार्थना कर रहा है।
गाने के आखिरी भागों में, भक्त अपनी श्रद्धा और भगवान के प्रति प्रेम को अभिव्यक्त कर रहा है और उसकी प्रतिज्ञा कर रहा है कि वह अपने भगवान के दर्शन की प्रतीक्षा कर रहा है।